रायगढ- बनोरा (अखंड भारत हमारे न्यूज़ की पहचान) निर्धन छात्रों को निःशुल्क शिक्षित करने हेतु विशेष प्रावधान है। इसके अलावा छात्र-छात्राओं की बढ़ती संख्या एवं उच्च शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुए रायगढ़ से बनोरा जाने वाली मुख्य सड़क से उत्तर दिशा में स्वतंत्र भू-खण्ड में आकर्षक माध्यमिक उच्च विद्यालय का निर्माण कराया गया है। नव निर्मित शिक्षण संस्था सर्व सुविधायुक्त है ।
खेल मैदान,पेयजल व्यवस्था, स्नानागार व शौचालय की सुविधा,शिक्षकों के लिए शिक्षक सदन, प्रधानाध्यापक के लिए स्वतंत्र कक्ष, लिपिक कक्ष,स्टोर रूम, सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं विद्यालय परिसर में मौजूद है। राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति के अतिरिक्त दोनों ही विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने हेतु अघोरेश्वर भगवान राम शिक्षण समिति द्वारा स्व. लक्ष्मण शुक्ल मेघा छात्रावृत्ति प्रदाय की जाती है। कन्या प्रोत्साहन छात्रवृत्ति भी शिक्षण समिति प्रदान करती है। विशाल आकर्षक मुख्य द्वार सहित भवन में स्थित सुंदर बगीचे का निर्माण कराया गया है, जो लोगों को आकर्षित कर लेता है। एक ओर जहाँ जीर्ण शीर्ण स्कुलो में शिक्षा ग्रहण करने से ग्रामीण बच्चो का उत्साह वर्धन नही हो पाता था इसलिए नवनिर्मित भवन बच्चो की मंशानुरूप निर्मित करवाया गया है । दूर सुदर के बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए एक बस की व्यवस्था भी है ।
बच्चों में संस्कारो के बीजारोपण हेतु विशेष ध्यान
उच्चस्तरीय अध्यापन अनुशासन व संस्कारो की यह परिणिती है कि अध्ययनरत बच्चों ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में कई बार सफलता पाई है। बच्चों में संस्कारो के बीजारोपण हेतु विशेष ध्यान दिया जाता है । ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम फीस में निर्धन बच्चों के लिए बेहतरीन शिक्षा की उपलब्धता यह प्रमाणित करती है कि चिकित्सा के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी अघोर गुरूपीठ ने उपलब्धियों के आसमान को छुआ है । शिक्षण व्यवस्था के लिए विद्यालय शिक्षण समिति गठित की गई है जो समय समय पर शिक्षा से जुड़े पहलुओं पर नजर रखती है ।
भारतीय संस्कृति पर आधारित अनुसंधान कार्य
यह शिक्षण समिति साक्षरता विकास कार्य के अलावा पर्यावरण रक्षा के लिए भारतीय संस्कृति पर आधारित अनुसंधान का कार्य भी करती है। आश्रम द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई स्थानों पर नियमित स्कूलों का संचालन किया जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में अधिक बालक-बालिकायें साक्षर बने। निर्धन छात्रों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है 31 मार्च 2024 तक कुल 847 छात्रों को लाभ मिला। कुल 367 छात्रों को निशुल्क गणवेश, शिक्षण सामग्री का वितरण किया गया। छात्रवृत्ति प्राप्त करने में 149 छात्र व 157 छात्रा कुल 306 ने सफलता हासिल की है।
ग्रीष्मकालीन निःशुल्क शिक्षा कोचिंग
ग्रीष्मकालीन निःशुल्क शिक्षा की 40 दिवसीय कोचिंग में ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत दसवीं कक्षा के 84 छात्र व बारहवीं कक्षा के 66 छात्र कुल 150 छात्रों ने विशेष लाभ हासिल किया।। विद्यालय के आश्रमवासी छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक छात्रावास का निर्माण भी कराया गया है। छात्रावास में एक विशाल बरामदा है। एक कक्ष में दस छात्र सहजता से रह सकते है। छात्र-संख्या अधिक होनें पर भी छात्र अनुशासन की डोर से बंधे होते है।