रायपुर (AKHANDBHARATHNKP.COM)। छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगे हैं। यह आरोप पुलिस विभाग में पदस्थ एसआई की पत्नी ने लगाया है। महिला का कहना है कि पिछले 7 सालों से आईपीएस डांगी उसका शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहे हैं। वहीं आईपीएस डांगी ने भी डीजीपी को लिखित शिकायत में बताया है कि महिला उन्हें बदनाम करने और ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही है, साथ ही जहर लेकर धमकी देने और वीडियो कॉल पर लगातार निगरानी रखने जैसी शर्तें भी रखी हैं। इस केस में एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है। ऑडियो में युवक और महिला के बीच डिनाय करने से लेकर सीनियर अफसर को बयान देने की बातें हो रही है।
बता दें कि पीडि़ता ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर 15 अक्टूबर को औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि साल 2017 में रतनलाल डांगी से उसकी मुलाकात कोरबा में हुई थी, जब आईपीएस रतनलाल डांगी वहां एसपी पद पर तैनात थे। शुरूआती बातचीत सोशल मीडिया पर हुई, जो आगे बढ़ती गई। दंतेवाड़ा में पदस्थापना के दौरान वह वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें योग सिखाती थी। बाद में राजनांदगांव और सरगुजा में आईजी बनने के बाद डांगी ने कथित रूप से उसे परेशान करना शुरू किया। बिलासपुर आईजी रहते हुए उत्पीडऩ का सिलसिला और बढ़ गया। शिकायत में महिला ने बताया है कि आईपीएस डांगी उसे अपनी पत्नी की गैरमौजूदगी में बंगले पर बुलाते थे और न आने पर तबादले की धमकी देते थे। चंद्रखुरी पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में तबादले के बाद भी वह वीडियो कॉल के जरिए सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक संपर्क करने का दबाव बनाते थे। महिला ने यह भी दावा किया है कि उसके पास कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं।
मुझे बदनाम करने की साजिश : डांगी
महिला के आरोपों पर आईपीएस रतनलाल डांगी ने बताया कि शिकायतकर्ता महिला उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। इस मामले की शिकायत उन्होंने पूर्व में ही सीनियर अफसरों से की है। महिला को इस बात की जानकारी मिली तो उसने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर शिकायत की है। महिला मुझे बदनाम करने और ब्लैकमेल करने के लिए ये सब कर रही है।
चाहे आईजी हो या आईपीएस कोई कानून से ऊपर नहीं
छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस ऑफिसर रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीडऩ मामले में प्रदेश के सीएम विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है। मरवाही दौरे के दौरान उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि चाहे कोई भी अधिकारी हो, अगर आरोप लगे हैं तो जांच होगी। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। चाहे आईजी हो या आईपीएस, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कानून सबके लिए समान है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उनकी सरकार शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है।

