

रायपुर/कोरबा (AKHANDBHARATHNKP.COM)। देशभर में छठ महापर्व बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया गया। यह चार दिनों तक चलने वाला पर्व आज संपन्न हो गया। व्रतियों ने घाटों पर उगते सूर्य की उपासना की और इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत पूरा किया।
रात से ही रायपुर के महादेव घाट, बिलासपुर के अरपा घाट, कोरबा के ढेंगुरनाला घाट, सर्वमंगला नगर, पुरानी बस्ती घाट, ढेंगुरनाला, सीतामणी, एसईसीएल शिवमंदिर घाट, मानिकपुर पोखरी घाट के अलावा उपनगरीय इलाके बालकोनगर, कुसमुंडा, बांकीमोंगरा, दीपका, दर्री घुड़देवा सहित अन्य तालाबों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। व्रती सूप लेकर नदी में अर्घ्य देने के लिए उतरे और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान घाटों पर दूर-दूर तक छठी मैया के गीतों की गूंज सुनाई दी। छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई, दुर्ग, अंबिकापुर सहित अन्य शहरों के घाटों पर व्रती महिलाओं ने पूरे श्रद्धा भाव से उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। छठ महापर्व को लेकर उपनगरीय क्षेत्रों में भी लोगों के बीच काफी उत्साह देखा गया। कुसमुंडा के आदर्श नगर, विकास नगर सहित अन्य क्षेत्रों में रहने वाले पूर्वांचलवासी छठ पूजा के लिए अहिरन नदी के तट पर पहुंचे। व्रतियों ने नदी के पानी में स्नान किया और छठ मइया की आराधना की। सोमवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। घाटों पर महिलाएं छठ गीत गा रहीं थीं। इसके अलावा अन्य उपनगरीय क्षेत्र में भी छठपर्व की धूम रही।
गुड़ और आटे से बनाया ठेकुआ का प्रसाद
छठ महापर्व के लिए व्रतियों ने परिवार के साथ मिलकर ठेकुआ बनाया। मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और आटे को सानने के बाद इसे आम की लकड़ी पर पकाया गया। छठ पूजा में ठेकुआ का विशेष महत्व है। सूर्य देवता को मौसमी फल के साथ-साथ ठेकुआ अर्पित किया जाता है। छठ घाटों पर गुरुवार की शाम डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसमें ठेकुआ के अलावा मौसमी फलों को सूपा में रखकर भगवान को अर्पित किया गया। व्रतियों ने नदी, तालाब में खड़े होकर भगवान सूर्य की आराधना की।

