Monday, April 7, 2025

भारत-चीन के LAC पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर कांग्रेस ने साधा पीएम मोदी पर सवाल

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नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच हुई एलएसी पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर कांग्रेस बार-बार सवाल उठा रही है। आज फिर से कांग्रेस ने समझौते पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरने को की कोशिश की। कांग्रेस की तरफ से भारत-चीन के इस समझौते पर बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया कि मोदी सरकार की इस घोषणा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग की व्यवस्था को लेकर चीन के साथ समझौता हो गया है। विदेश सचिव ने कहा है कि इस समझौते से सैनिकों की वापसी हो रही है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में पैदा हुए गतिरोध का समाधान हो रहा है।

हम आशा करते हैं कि दशकों में भारत की विदेश नीति को लगे इस झटके का सम्मानजनक ढंग से हल निकाला जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि सैनिकों की वापसी से पहले जैसी स्थिति बहाल होगी, जैसी मार्च 2020 में थी। यह दुखद गाथा पूरी तरह से चीन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नासमझी और भोलेपन का नतीजा है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मोदी जी की चीन ने तीन बार भव्य मेजबानी की थी। प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने चीन की पांच आधिकारिक यात्राएं कीं और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ 18 बैठकें कीं। इसमें उनके 64वें जन्मदिन पर साबरमती के तट पर बेहद दोस्ताने अंदाज में झूला झूलना भी शामिल है।

कांग्रेस ने आगे कहा कि भारत का पक्ष 19 जून 2020 को तब सबसे ज्यादा कमजोर हुआ जब प्रधानमंत्री ने चीन को बेशर्मी से क्लीन चिट देते हुए कहा कि न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है। यह बयान गलवान में हुई झड़प के चार दिन बाद ही दिया गया था, जिसमें हमारे 20 बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। उनका यह बयान न सिर्फ हमारे शहीद सैनिकों का घोर अपमान था बल्कि इस चीन की आक्रामकता को भी वैध ठहरा दिया। इसके कारण ही LAC पर गतिरोध के समय समाधान में बाधा उत्पन्न हुई। पूरे संकट पर मोदी सरकार के दृष्टिकोण को DDLJ के रूप में वर्णित किया जा सकता है।

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