नई दिल्ली (एजेंसी) (AKHANDBHARATHNKP.COM)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के जरिए मन की बात कार्यक्रम किया। देश-विदेश के लोगों के साथ पीएम मोदी ने अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का ये 127वां एपिसोड रहा। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जीएसटी बचत उत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी में भारी उछाल है। त्योहारों की रौनक पहले से ज्यादा रौनक देखी गई है।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने छठ पूजा की शुभकामनाएं दीं और लोगों से इस उत्सव में शामिल होने की अपील की। पीएम ने कहा कि देश में त्योहारों का उल्लास है। कुछ दिन पहले दीवाली मनाई गई और अब छठ पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप जहां भी हैं वहीं से छठ पर्व में भाग लें। उन्होंने कहा कि त्योहारों के इस अवसर पर मैंने पत्र लिखकर अपनी भावनाएं साझा की थी। कई मुद्दों पर बात की थी। लोगों का इसपर मुझे जवाब मिला। ऑपरेशन सिंदूर से लोगों में गर्व है। इस बार माओवादी क्षेत्रों में दिवाली की रौनक दिखी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से आह्वान किया कि वे 7 नवंबर को वंदे मातरम के 150वें वर्ष को यादगार बनाएं। उन्होंने कहा कि यह गीत हर भारतीय के दिल में भावनाओं और गर्व का संचार करता है, इसलिए आने वाली पीढिय़ों के लिए इसकी विरासत को आगे बढ़ाना ज़रूरी है। आगामी दिनों में देशभर में वंदे मातरम से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे पूरे मन से इस आयोजन में भाग लें। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि वंदे मातरम पहली बार 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर ने गाया था, और यह गीत भारत की आज़ादी की भावना का एक अहम प्रतीक रहा है।
बेंगलुरु के इंजीनियर की तारीफ की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बेंगलुरु में इंजीनियर कपिल शर्मा ने 6 झीलों और 40 कुओं को साफ कर दोबारा जिंदा किया। स्वच्छता को लेकर लोगों में काफी जागरूकता देखने को मिल रही है। पीएम ने कपिल शर्मा को धन्यवाद भी कहा। समंदर के किनारे मैंग्रूव को ज्यादा से ज्यादा लगाने की पीएम ने अपील की। उन्होंने कहा कि ये मैंग्रोव हमें सुनामी और अन्य आपदाओं से बचाते हैं। अहमदाबाद के धौलेरा तट पर साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में इसे लगाया गया। मछली पालकों को भी इससे फायदा हो रहा है। जलीय जीव में भी इससे बढ़ोत्तरी देखने को मिली। साथ ही पीएम ने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि ये कुत्ते हमारे परिवेश में आसानी से ढल जाते हैं।

