कीव (एजेंसी) (AKHANDBHARATHNKP.COM)। रूस-यूक्रेन युद्ध के तीसरे साल में तनाव चरम पर पहुंच गया है। रूसी सेना ने इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइलों से यूक्रेन की राजधानी कीव पर जोरदार हमला बोला, जिससे शहर का ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे सिस्टम बुरी तरह तबाह हो गया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में 4 नागरिकों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों घायल हुए। यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे युद्ध अपराध करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
यूक्रेन पर यह हमला रात करीब 11 बजे शुरू हुआ जब रूसी मिसाइलें कीव के बाहरी इलाकों में स्थित प्रमुख बिजली संयंत्रों और रेलवे जंक्शनों को निशाना बनाया। इस्कंदर मिसाइलें जो 500 किलोमीटर की रेंज वाली हैं और 700 किलोग्राम तक का विस्फोटक ले जा सकती हैं। इन मिसाइलों ने शहर के बिजली ग्रिड को चरमरा दिया। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि हमारे ऊर्जा तंत्र का 40 प्रतिशत हिस्सा नष्ट हो गया है। हजारों घरों में बिजली गुल है और अस्पतालों को जनरेटरों पर निर्भर होना पड़ रहा है। रेलवे सिस्टम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जहां मुख्य स्टेशन पर पटरी उखड़ गईं और कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं। यूक्रेनी रेलवे के प्रमुख ने कहा कि मरम्मत में कम से कम एक सप्ताह लगेगा जिससे सैन्य आपूर्ति और नागरिक यात्रा पर गहरा असर पड़ेगा। मृतकों में एक 65 वर्षीय महिला और दो युवा मजदूर शामिल हैं जो हमले के समय रेलवे ट्रैक के पास काम कर रहे थे। घायलों को कीव के प्रमुख अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ठंड के मौसम में बिजली की कमी से स्वास्थ्य संकट गहरा सकता है। यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने वीडियो संदेश जारी कर कहा, यह हमला हमारे लोगों की हत्या का प्रयास है। हम प्रतिरोध जारी रखेंगे, लेकिन दुनिया को रूस की आक्रामकता रोकनी होगी। उन्होंने नाटो देशों से हथियारों की आपूर्ति तेज करने की अपील की।
रूस ने ली हमले की जिम्मेदारी
रूस की ओर से क्रेमलिन ने हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा कि यह सैन्य लक्ष्यों पर था, लेकिन यूक्रेन ने इसे नागरिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जानबूझकर निशाना बनाने का सबूत पेश किया। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला रूसी रणनीति का हिस्सा है, जो यूक्रेन की सर्दियों को कठिन बनाने पर केंद्रित है। पिछले महीने भी इसी तरह के हमलों में दर्जनों मौतें हुई थीं।यह घटना वैश्विक ऊर्जा बाजार को हिला रही है, जहां यूरोपीय संघ ने आपात बैठक बुलाई है।
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