रायपुर।(AkhandBharatHNKP.Com) हाउसिंग बोर्ड ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के तहत मार्च 2025 से 15 जून तक 139 करोड़ की 920 संपत्तियां बेचीं हैं। गृह निर्माण मंडल पर बैंकों का लगभग 800 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसे राज्य सरकार ने चुका दिया है। यह बड़ी उपलब्धि है कि मंडल अब पूरी तरह से हुआ कर्जमुक्त हो गया है।
- हाउसिंग बोर्ड ने ओटीएस में बेची 139 करोड़ की 920 संपत्ति
- 60 प्रतिशत प्री-बुकिंग राशि मिलने पर ही भवनों का निर्माण
- वन टाइम सेटलमेंट- 2 योजना की शुरुआत 1 मार्च 2025 से
आवास व पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर जानकारी देते हुए बताया कि वन टाइम सेटलमेंट- 2 योजना की शुरुआत 1 मार्च 2025 से की गई थी। इस योजना का उद्देश्य गृह आवास मंडल की खाली संपत्तियों को छूट के साथ लोगों को उपलब्ध कराना था।
मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि अब हाउसिंग बोर्ड की किसी भी नई आवासीय योजना में तब तक निर्माण शुरू नहीं होगा जब तक उसकी प्री-बुकिंग कम से कम 60 प्रतिशत तक ना हो जाए। यह कदम योजनाओं की सफलता के उद्देश्य से उठाया गया है। हाउसिंग बोर्ड केवल किफायती मकान ही नहीं, बल्कि कॉरपोरेट मॉडल को अपनाकर काम कर रहा है। वहां विभिन्न श्रेणियों के आवासीय मकान के साथ-साथ व्यावसायिक संपत्तियों का भी निर्माण किया जा रहा है।
65 से 10 साल पुरानी संपत्तियों में छुट
यह मॉडल शहरी विकास और आत्मनिर्भर आवास नीति के अनुरूप है। 65 से 10 साल पुरानी संपत्तियों, जिनमें कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा खाली है, उन पर 20 प्रतिशत छूट दी जा रही है। वहीं 20 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खाली होने पर 30 प्रतिशत छूट दी जा रही है। 610 साल से अधिक पुरानी खाली संपत्तियों पर 30 प्रतिशत तक की छूट दी गई है। 65 साल पुरानी संपत्तियों, जिनको पहली बार छूट में शामिल किया है, की बेस प्राइस पर 10 प्रतिशत छूट दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि गृह निर्माण मंडल का उद्देश्य प्रदेशवासियों को सुलभ, सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराना है। मंडल द्वारा संचालित योजनाएं आमजन, निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों के हित में बनाई जा रही है। हाउसिंग बोर्ड केवल किफायती मकान ही नहीं, बल्कि कॉरपोरेट मॉडल को अपनाकर काम कर रहा है।