नई दिल्ली (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। कैश कांड cash scandal मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि मुझे रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता समेत कुल 146 सदस्यों के हस्ताक्षर से प्रस्ताव मिला है। cash scandal इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने की मांग है। स्पीकर ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया। इसमें सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के 1-1 जज और 1 कानूनविद शामिल हैं। cash scandal जांच समिति की रिपोर्ट आने तक यह महाभियोग प्रस्ताव लंबित रहेगा।
बता दें कि पिछले महीने लोकसभा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की मांग की थी। cash scandal इसमें कांग्रेस, BJP, TDP, JDU और अन्य दलों के सांसद शामिल थे। इसके साथ ही जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की थी।
जस्टिस वर्मा के घर से बरामद हुई थी जली नकदी
जस्टिस यशवंत वर्मा cash scandal कैश कांड एक हाई-प्रोफाइल मामला है। इसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा शामिल हैं। यह मामला 14 मार्च 2025 को दिल्ली में उनके सरकारी आवास पर लगी आग से शुरू हुआ, जब वहां से भारी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद हुई थी। cash scandal उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत थे।
इलाहाबाद कर दिया गया था ट्रांसफर
इस विवाद के बाद 28 मार्च 2025 को जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। साथ ही उन्हें न्यायिक कार्यों से भी हटा दिया गया था। cash scandal इसके बाद से वह विपक्षी नेताओं के निशाने में आ गए। ये मुद्दा लोकसभा में भी उठ गया। महाभियोग (Impeachment) भारत में एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसके तहत हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या अन्य उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों को उनके पद से हटाया जा सकता है। cash scandal यह प्रक्रिया तब शुरू की जाती है, जब इन पदाधिकारियों पर किसी तरह के गंभीर आरोप लगते हैं।