नई दिल्ली (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का एलान हो गया है। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने इस चुनाव को जीत लिया है और इसके साथ ही वह देश के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं। राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पीसी मोदी ने चुनाव के नतीजों के एलान किया।
सीपी राधाकृष्णन इस चुनाव में 452 वोट मिले हैं। उनके सामने विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज बी. सुर्दशन रेड्डी को मैदान में उतारा था। रेड्डी को महज 300 वोट ही मिल पाए। भाजपा ने दावा किया है कि चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग भी हुई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने पहले एक्स पर जाकर दावा किया था कि सभी 315 विपक्षी सांसदों ने 100 प्रतिशत मतदान किया। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि सभी 315 विपक्षी सांसद वास्तव में आए और मतदान किया, जैसा कि दावा किया गया था, और फिर भी भारत ब्लॉक उम्मीदवार को केवल 300 वोट कैसे मिले। उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का सीधा मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी से था। संसद परिसर में पक्ष और विपक्ष दोनों खेमों में सियासी गहमागहमी रही। सत्ताधारी राजग गठबंधन के सांसदों की कार्यशाला बैठक में चुनावी प्रक्रिया तथा मतदान करने के तौर-तरीके समझाए गए।
17 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। 17 साल की उम्र से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं। बीजेपी के साथ उनका लंबा सफर रहा है। उनका राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान वे 1998 और 1999 के आम चुनावों में लगातार दो बार सांसद बने। 1998 की जीत खास थी, क्योंकि यह कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी और भाजपा को तमिलनाडु में पहली बार तीन सीटें मिलीं। 2004-2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे
सीपी राधाकृष्णन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वे कोयंबटूर से बीजेपी के उम्मीदवार थे, जहां 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे। 2016-2020 तक वे केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कोयर बोर्ड के चेयरमैन रहे। बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य के रूप में भी सक्रिय रहे।
झारखंड और महाराष्ट्र के रहे राज्यपाल
साल 2023 में केंद्र सरकार की ओर से सीपी राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण पर जोर दिया। फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने, जहां उन्होंने राज्य सरकार के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया। विपक्षी दलों के साथ भी उनके संबंध अच्छे माने जाते हैं।
भारत के उप-राष्ट्रपतियों की लिस्ट
नाम | कार्यकाल |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | मई 13, 1952 से मई 12, 1962 |
डॉ. जाकिर हुसैन | मई 13, 1962 से मई 12, 1967 |
वी.वी. गिरि | मई 13, 1967 से मई 3, 1969 |
गोपाल स्वरूप पाठक | अगस्त 31, 1969 से अगस्त 30, 1974 |
बी डी ज़त्ति | अगस्त 31, 1974 से अगस्त 30, 1979 |
एम हिदायतुल्ला | अगस्त 31, 1979 से अगस्त 30, 1984 |
आर वेंकटरमन | अगस्त 31, 1984 से जुलाई 24, 1987 |
शंकर दयाल शर्मा | सितम्बर 3, 1987 से जुलाई 24, 1992 |
के.आर. नारायणन | अगस्त 21, 1992 से जुलाई 24, 1997 |
कृष्णकांत | अगस्त 21, 1997 से जुलाई 27, 2002 |
भैरों सिंह शेखावत | अगस्त 19, 2002 से जुलाई 21, 2007 |
मो. हामिद अंसारी | अगस्त 11, 2007 से अगस्त 10, 2017 |
एम. वेंकैया नायडु | अगस्त 11, 2017 से अगस्त 10, 2022 |
जगदीप धनखड़ | अगस्त 11, 2022 से जुलाई 21, 2025 |
सी. पी. राधाकृष्णन | चुनाव जीते |
उपराष्ट्रपति चुनाव : एनडीए की बैठक में उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को किया गया सम्मानित