रायपुर (AkhandBharatHNKP.Com)। छत्तीसगढ़ के सरकारी कॉलेजों में 16 साल में तीसरी बार असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती होने जा रही है। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसरों के 2 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। वित्त विभाग ने 700 पदों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन 700 में से 625 पद असिस्टेंट प्रोफेसरों के हैं। शिक्षा विभाग के मुताबिक क्रीड़ा अधिकारी के लिए 25 और लाइब्रेरियन के 50 पदों पर भर्तियां होंगी। इसमें सबसे ज्यादा करीब 250 पद कॉमर्स के लिए हैं।
वहीं मैथ्स, इंग्लिश, हिंदी, बॉटनी, जूलॉजी, केमेस्ट्री, फिजिक्स में असिस्टेंट प्रोफेसर के 150 से ज्यादा पद खाली हैं। इसके साथ ही राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र में 100 से अधिक पद खाली हैं। इसी तरह अर्थशास्त्र समेत कई विभागों के पद खाली हैं। महाविद्यालयों में खाली 700 पदों पर भर्ती से शिक्षा का स्तर सुधरेगा। जल्द ही विज्ञापन जारी होगा। प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती पिछले 16 साल में तीन बार निकली है। 2009 में 32 विषयों में लिए वैकेंसी आई थी, तब 878 पद थे। 2014 में 27 विषयों में 966 पदों के लिए भर्ती आई थी। इसी तरह 2019 में 27 विषयों में 1384 पद थे। अब चौथी वैकेंसी के लिए अनुमति मिली है। पिछले तीनों वैकेंसी से इस बार पद कम हैं। उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से लगातार चर्चा की जा रही थी, अब अनुमति मिल गई है। इसी महीने पीएससी को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही विज्ञापन जारी होगा। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि इन नियुक्तियों से महाविद्यालयों में पढ़ाई और शोध की गुणवत्ता बढ़ेगी। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक शिक्षकों के 5000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी जारी है।
प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने और उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण वातावरण बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। महाविद्यालयों में रिक्त 700 पदों पर भर्ती से शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा। विद्यार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण और सीखने के अवसर मिलेंगे। वहीं वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। 700 पदों पर भर्ती की स्वीकृति युवाओं को रोजगार देने और भविष्य की पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा निर्णय है।