Sunday, October 26, 2025

मन की बात : प्रधानमंत्री ने स्वदेशी अपनाने पर दिया जोर

छठ पूजा-दिवाली का जिक्र, लता मंगेशकर को दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो शो मन की बात के 126वें एपिसोड में फेस्टिव सीजन, आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल पर बात की। पीएम ने कहा- इस बार त्योहारों में स्वदेशी सामान ही खरीदें। ठान लीजिए, हमेशा के लिए, जो देश में तैयार हुआ है, वही खरीदेंगे। इसके अलावा पीएम ने दशहरा और छठ पर्व पर भी बात की। मोदी ने कहा- भारत सरकार छठ पर्व को यूनेस्को की लिस्ट में शामिल करने पर काम कर रही है। इसके बाद पूरी दुनिया में पर्व की भव्यता फैलेगी।
पीएम मोदी ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर ले जाने के संकल्प पर बात की। पीएम ने खुशी जताई कि भारत सरकार छठ महापर्व को UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची (Intangible Cultural Heritage List) में शामिल कराने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, जब छठ पूजा UNESCO सूची में शामिल हो जाएगी, तो दुनिया के कोने-कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि त्योहार हमारी संस्कृति को जीवित रखते हैं। छठ पूजा सूर्य देव को समर्पित एक पवित्र त्योहार है, जो अब सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि एक वैश्विक त्योहार बन रहा है। पीएम ने यह भी याद दिलाया कि सरकार के ऐसे ही प्रयासों से कुछ समय पहले कोलकाता की दुर्गा पूजा को भी UNESCO की सूची में जगह मिली थी। पीएम मोदी ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि लता दीदी के गीत मानवीय भावनाओं को झकझोरने वाले होते हैं। उनके देशभक्ति गीत प्रेरणा देते हैं। उन्होंने बताया कि लता दीदी हर साल उन्हें राखी भेजना कभी नहीं भूलती थीं।

गांधी जयंती पर वोकल फॉर लोकल

पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर, गांधी जयंती का जिक्र करते हुए स्वदेशी और खादी को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद खादी का आकर्षण फीका पड़ गया था, लेकिन पिछले 11 सालों में इसकी बिक्री काफी बढ़ी है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे 2 अक्टूबर को कुछ न कुछ खादी उत्पाद खरीदें और गर्व से कहें कि ये स्वदेशी हैं। साथ ही VocalforLocal के साथ सोशल मीडिया पर इसे शेयर भी करें। पीएम ने बताया कि कैसे भारतीय उद्यमी और महिलाएं परंपरा और इनोवेशन को मिलाकर सफलता की नई कहानियां लिख रहे हैं। पीएम ने नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा का परिचय कराया, जिन्होंने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया।

सावरकर जैसी महान विभूतियों से प्रेरित थीं लता मंगेशकर

उन्होंने आगे कहा, साथियों, आज लता मंगेशकर की भी जयंती है। भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। उनके गीतों में वह सबकुछ है, जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है। उन्होंने देशभक्ति के जो गीत गाए, उन गीतों ने लोगों को बहुत प्रेरित किया। भारत की संस्कृति से भी उनका गहरा जुड़ाव था। मैं लता दीदी के लिए हृदय से अपनी श्रद्धांजलि प्रकट करता हूं। साथियों, लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं, उनमें वीर सावरकर भी एक थे। जिन्हें वह तात्या कहती थीं। उन्होंने वीर सावरकर के कई गीतों को अपने सुरों में पिरोया। लता दीदी से मेरा स्नेह का जो बंधन था, वह हमेशा कायम रहा। वह मुझे बिना बोले हर साल राखी भेजा करती थीं। मुझे याद है मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले मेरा परिचय लता दीदी से कराया था। मैंने लता दीदी को कहा कि मुझे आपके द्वारा गाया और सुधीर जी द्वारा संगीतबद्ध गीत ज्योति कलश छलके बहुत पसंद है।

हर क्षेत्र में अपना परचमा लहरा रही बेटियां

प्रधानमंत्री ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, नवरात्रि के इस समय में हम शक्ति की उपासना करते हैं। हम नारी शक्ति का उत्सव मनाते हैं। बिजनेस से लेकर स्पोर्ट्स तक, एजुकेशन से लेकर साइंस तक.. आप किसी भी क्षेत्र को लीजिए देश की बेटियां हर जगह अपना परचम लहरा रही हैं। आज वह ऐसी चुनौतियों को भी पार कर रही हैं, जिनकी कल्पना तक मुश्किल है। अगर मैं आपसे यह सवाल करूं कि क्या आप समंदर में लगातार आठ महीने रह सकते हैं। क्या आप समंदर में पतवार वाली नाव यानी हवा के वेग से आगे बढऩे वाली नाव से पचास हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं और वो भी तक जब समंदर में मौसम कभी भी बिगड़ जाता है। ऐसा करने से पहले आप हजार बार सोचेंगे। लेकिन भारतीय नौसेना की दो बहादुर अधिकारियों ने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान ऐसा कर दिखाया है। उन्होंने दिखाया है कि साहस और दृढ़ संकल्प होता क्या है। आज मैं मन की बात के श्रोताओं को इन दो जांबाज अधिकारियों से मिलवाना चाहता हूं। एक हैं लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और दूसरी हैं लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा। इसके बाद प्रधानमंत्री दोनों अधिकारियों से फोन पर बात करते हुए सुनाई देते हैं।

मन की बात : प्राकृतिक आपदाएं ले रहीं परीक्षा- प्रधानमंत्री मोदी

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