
वॉशिंगटन (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। बुधवार देर रात US State Department अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रतिबंधित रसायन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद करने वाली 24 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें 6 भारतीय कंपनियां भी हैं। US State Department अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि कि इन कंपनियों ने 2024 में ईरानी मूल के 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा के उत्पाद यूएई के रास्ते मंगवाए। ईरान इस पैसे न्यूक्लियर प्रोग्राम बढ़ा रहा है और आतंकी फंडिंग कर रहा है। US State Department मंत्रालय ने इसे अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन बताया है।
कोई अमेरिकी व्यक्ति या कंपनी इन प्रतिबंधित कंपनियों के साथ व्यापार नहीं कर सकती। इसके अलावा, इन कंपनियों की जिन दूसरी कंपनियों में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है, वे भी इन प्रतिबंधों के दायरे में आ जाएंगी। US State Department इन कंपनियों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों और अमेरिकी नागरिकों/कंपनियों के साथ इनके लेनदेन को तुरंत फ्रीज कर दिया गया है।
ईरान पर आतंकी संगठनों की फंडिंग का आरोप
अमेरिका का दावा है कि ईरान अपने तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री से जो आमदनी करता है, उसका इस्तेमाल मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने और आतंकी संगठनों को समर्थन देने में करता है। US State Department अमेरिका ने कहा है कि प्रतिबंधों का मकसद सजा देना नहीं, बल्कि व्यवहार में बदलाव लाना है। प्रतिबंधित कंपनियां अगर चाहें, तो अमेरिकी ट्रेजरी विभाग से प्रतिबंध हटाने की अर्जी दे सकती हैं। इस कार्रवाई में भारत के अलावा तुर्की, चीन, यूएई और इंडोनेशिया की कुछ कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है। US State Department अमेरिका के मुताबिक, ये कंपनियां ईरान के तेल व्यापार में सहयोग कर रही थीं। डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति को फिर से लागू किया। इसके तहत ईरान पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। खासतौर पर उसके तेल एक्सपोर्ट को निशाना बनाने के लिए। डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति को फिर से लागू किया। इसके तहत ईरान पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। खासतौर पर उसके तेल एक्सपोर्ट को निशाना बनाने के लिए।
पहले भी 4 कंपनियों पर लगा था बैन
अमेरिका ने इस साल दूसरी बार भारतीय कंपिनयों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इससे पहले इस साल फरवरी में भी उसने भारत की 4 कंपनियों को बैन किया था। इन कंपनियों पर भी ईरानी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री और ट्रांसपोर्ट में मध्यस्थता का आरोप लगाया था। US State Department अमेरिका के मुताबिक इन कंपनियों की मदद से ईरान के ऑयल एक्सपोर्ट को अवैध शिपिंग नेटवर्क के जरिए अंजाम दिया जाता है। इन 4 भारतीय कंपनियों में फ्लक्स मैरीटाइम LLP (नवी मुंबई), BSM मैरीन LLP (दिल्ली-NCR ), ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (दिल्ली-NCR ) और कॉसमॉस लाइन्स इंक (तंजावुर) शामिल थीं। इन 4 कंपनियों में से 3 पर ईरानी ऑयल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के ट्रांसपोर्ट में शामिल जहाजों के कॉमर्शियल और टेक्निकल मैनेजमेंट की वजह से बैन लगाया गया। जबकि कॉसमॉस लाइन्स को ईरानी पेट्रोलियम के ट्रांसपोर्ट में शामिल होने की वजह से बैन किया।