रायपुर.छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रमिकों के लिए गंभीर रोगों जैसे कैंसर और किडनी के इलाज में कैशलेस रेफरल की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत श्रमिक औषधालयों से सीधे अनुबंधित निजी अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे। साथ ही, बिलासपुर में नया 100 बिस्तर का अस्पताल खोलने की योजना भी है। कोरबा, रायगढ़ और बिलासपुर में कर्मचारी राज्य बीमा निगम का उप-क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में श्रमिकों को अब कैंसर, किडनी जैसे गंभीर रोगों के इलाज के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अब श्रमिक औषधालयों से सीधे अनुबंधित निजी अस्पतालों में कैशलेस रेफरल के तहत इलाज करवा सकेंगे। इसके साथ ही बिलासपुर में नया 100 बिस्तर वाला अस्पताल खोलने की योजना भी तैयार की जा रही है, जिसके लिए राज्य सरकार जल्द ही जमीन उपलब्ध कराएगी।
नए उप-क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना
कोरबा, रायगढ़ और बिलासपुर के क्षेत्रों को मिलाकर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) का उप-क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाएगा। यह कदम श्रमिकों को बीमा संबंधी सेवाएं आसान और सुलभ रूप से प्रदान करने के लिए उठाया गया है। पूरे प्रदेश में कर्मचारी राज्य बीमा योजना का विस्तार किया जा चुका है, और इस संबंध में श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने हाल ही में राज्य बीमा निगम की क्षेत्रीय परिषद की बैठक भी ली थी।
अस्पतालों के उन्नयन की योजना
रायपुर और कोरबा के अस्पतालों को तीन महीने के भीतर 50 से बढ़ाकर 100 बिस्तर वाले अस्पताल में उन्नत किया जाएगा। इसके अलावा, लारा और खरसिया के अस्पतालों को नवंबर तक शुरू करने की योजना है। भिलाई और रायगढ़ के 100 बिस्तर वाले अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए मेटरनिटी वार्ड, एक्स-रे, ऑपरेशन थियेटर और लैबोरेटरी जैसी सुविधाएं भी शुरू की जाएंगी। कोरबा और रायपुर के अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए सार्वजनिक परिवहन सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे श्रमिकों को अस्पताल पहुंचने में सहूलियत हो।
कोविड राहत योजना के तहत 16.21 करोड़ का भुगतान
कोविड राहत योजना के अंतर्गत 386 बीमित व्यक्तियों के दावों को मंजूरी दी गई है और मार्च 2024 तक 16.21 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके अतिरिक्त, उद्योगों और संस्थाओं में पंजीकृत बीमित व्यक्तियों को बीमारी हित लाभ, स्थायी अपंगता पेंशन, मातृत्व अवकाश, और अन्त्येष्टि व्यय जैसी सुविधाओं के तहत वर्ष 2023-24 में 33.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।