रायपुर (AkhandBharatHNKP.Com)। उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने रायपुर के कमल विहार में Women for Trees वीमेन फॉर ट्रीज अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं। पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तीकरण के लिए Women for Trees वीमेन फॉर ट्रीज अभियान से स्वसहायता समूहों की महिलाओं को जोड़ा गया है। वे इस अभियान के तहत चयनित स्थलों पर पौधरोपण करेंगी और पौधों की देखभाल भी करेंगी। इसमें 1701 समूहों की 2300 से अधिक महिलाये शामिल है। भारत सरकार द्वारा अभियान के तहत राज्य के नगरीय निकायों में वृक्षारोपण के लिए 444 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
इस अवसर पर विधायक मोतीलाल साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर देशभर में लगातार वृक्षारोपण के काम हो रहे हैं। पर्यावरण के संरक्षण के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने में इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि Women for Trees वीमेन फॉर ट्रीज अभियान को महिलाओं के माध्यम से अमलीजामा पहनाया जाएगा। हम सभी को भी इसमें सहभागिता देनी है। महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने कार्यक्रम में बताया कि वीमेन फॉर ट्रीज अभियान के अंतर्गत रायपुर नगर निगम में 60 स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके लिए स्वसहायता समूहों की 232 महिलाओं को अभियान से जोड़ा गया है। मातृशक्ति ही इस अभियान को आगे बढ़ाएंगी। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण के साथ ही महिलाओं को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा। इस अवसर पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नंद कुमार साहू, विधायक श्री मोतीलाल साहू और रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे भी अभियान के शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुईं। सभी ने कार्यक्रम स्थल पर सिंदूर के पौधे लगाकर वीमेन फॉर ट्रीज अभियान का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया। इस दौरान रायपुर नगर निगम के सभापति सूर्यकांत राठौर, आयुक्त विश्वदीप, सुडा के सीईओ शशांक पाण्डेय और गजराज बांध संरक्षण समिति के अध्यक्ष पी.के. साहू सहित जोन अध्यक्षगण, एमआईसी सदस्य, पार्षदगण तथा स्थानीय नागरिक भी बड़ी संख्या में शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद थे।
हरियाली बढ़ाने वीमेन फॉर ट्रीज अभियान की शुरूआत
शहरों में हरित स्थानों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए महिला स्वसहायता समूहों की सहभागिता बढ़ाने वीमेन फॉर ट्रीज Women for Trees अभियान शुरू किया गया है। यह भारत सरकार के एक पेड़ माँ के नाम अभियान से प्रेरित है। केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की अनूठी पहल अमृत मित्र (अमृत 2.0 और डे-एनयूएलएम का अभिसरण) के तहत स्वसहायता समूहों को प्रेरित करने इस वृक्षारोपण अभियान को प्रारंभ किया गया है। मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत नगरीय निकायों में सरकारी स्वामीत्व की भूमियों, वाटर बॉडीज, आंगनबाडिय़ों, सरकारी अस्पतालों, स्कूलों, उद्यानों, एसटीपी/डब्ल्यूटीपी, एसएलआरएम सेंटर्स, मुक्तिधामों, कृष्णकुंजों, गौठानों, धार्मिक स्थलों, एएचपी आवासों, रोड डिवाइडर्स इत्यादि में महिला समूहों के माध्यम से वृक्षारोपण किए जाएंगे। वीमेन फॉर ट्रीज अभियान के क्रियान्वयन के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों और नगरीय निकायों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
133 नगरीय निकायों में 444 परियोजनाओं की मंजूरी
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को Women for Trees वीमेन फॉर ट्रीज – अमृत मित्र योजना के अंतर्गत प्रदेश के 169 नगरीय निकायों में कुल दो लाख 21 हजार 145 पौधों के रोपण के लिए 37 करोड़ 79 लाख रुपए लागत की 684 परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे गए थे। इनमें से भारत सरकार द्वारा 27 करोड़ 48 लाख रुपए की 444 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत एक लाख 65 हजार 997 पौधे लगाए जाएंगे। ये परियोजनाएँ 13 नगर निगमों, 39 नगर पालिकाओं तथा 81 नगर पंचायतों में क्रियान्वित की जाएंगी। शेष 201 परियोजनाएँ संशोधित कर स्वीकृति के लिए भारत सरकार को पुन: प्रेषित की गई हैं।
पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
वीमेन फॉर ट्रीज अभियान Women for Trees से महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण को मजबूती मिलेगी। अभियान के अंतर्गत स्वसहायता समूहों (SHG) की महिलाओं को वृक्षारोपण एवं रखरखाव की जि़म्मेदारी दी गई है। साथ ही स्थानीय नागरिकों की भागीदारी भी इसमें सुनिश्चित की जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान के प्रथम चरण में बड़े राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक पौधरोपण की स्वीकृति मिली है। वहीं परियोजना राशि प्राप्त करने की दृष्टि से छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल के बाद दूसरे स्थान पर है। इस अभियान से 1701 स्वसहायता समूहों की महिलाओं को सीधा लाभ प्राप्त होगा। प्रत्येक महिला को पौधों के रखरखाव एवं देखरेख के लिए एक वर्ष तक प्रतिमाह आठ हजार रुपए तथा जियो-टैगिंग एवं निगरानी कार्य हेतु एक हजार रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा। इससे महिलाएँ न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान दे सकेंगी।
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