बंगलूरू (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। इसरो ने श्रीहरिकोटा में गगनयान मिशन के लिए पहला पैराशूट की मदद से एयर ड्रॉप टेस्ट किया। इस दौरान भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए 4 किमी की ऊंचाई से क्रू मॉड्यूल ड्रॉप किया गया। इस टेस्ट का मकसद गगनयान मिशन से पहले पैराशूट की विश्वसनीयता जांचना था। इस परीक्षण से यह जानना था कि अंतरिक्ष से क्रू मॉड्यूल को लाने वाले पैराशूट समय पर खुल रहे हैं या नहीं, सेफ लैंडिंग होती है या नहीं।
इसरो ने एक्स पर लिखा कि गगनयान मिशन के लिए पैराशूट आधारित डीसेलेशन सिस्टम के संपूर्ण प्रदर्शन के लिए पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया। यह परीक्षण इसरो, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ। गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी। यान को इसी साल लॉन्च करने की योजना है। पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन तीन दिवसीय है। मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। हाल ही में इसरो ने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का काम सफलतापूर्वक पूरा किया था।हॉट परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम का प्रदर्शन पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य रहा। इसरो के मुताबिक, गगनयान के सर्विस मॉड्यूल में एक खास सिस्टम लगाया गया है जो दो तरह के ईंधन से चलता है। यह सिस्टम उस हिस्से को मदद करता है जो इंसानों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। इसका काम रॉकेट को सही कक्षा (ऑर्बिट) में पहुंचाना, उड़ान के दौरान दिशा को नियंत्रित करना, जरूरत पडऩे पर रॉकेट की गति को धीमा करना और अगर कोई गड़बड़ी हो जाए तो मिशन को बीच में रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना है।
गगनयान और भविष्य की योजनाएं
इसरो की आगामी योजनाओं का खाका भी सामने आया। साल के अंत तक गगनयान-1 मिशन लॉन्च होगा, जिसमें मानव-रोबोट व्योममित्रा अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। 2027 में भारत अपनी पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान करेगा। इसके बाद 2028 में चंद्रयान-चार, शुक्र मिशन और 2035 तक भारत अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की योजना है। मंत्री ने कहा कि 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है।
सम्मानित हुए गगनयान के एस्ट्रोनॉट्स

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडियन एयरफोर्स स्पेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य सहयोगियों, ग्रुप कैप्टन पी वी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित किया। राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मुझे बताया गया कि आप (शुभांशु शुक्ला) भी बजरंग बली के भक्त हैं। आपने वहां (अंतरिक्ष में) कई बार हनुमान चालीसा पढ़ी होगी। हनुमान जी का एक भक्त आसमान की ऊंचाइयों को छूकर लौटा है। यह सिर्फ विज्ञान की जीत नहीं है। यह विश्वास और साहस की गूंज है। वहीं, एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने कहा, मेरे पास क्लिप है, जिसमें मैंने स्पेस से भारत को कैप्चर करने की कोशिश की थी। स्पेस से भारत वाकई बहुत खूबसूरत दिखता है। खासकर रात के समय हिंद महासागर के ऊपर साउथ से नॉर्थ की तरफ आते समय, जब भारत के ऊपर से गुजरते हैं तो वह जीवन में देखे जाने वाले सबसे खूबसूरत नजारों में से एक होता है। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह भी मौजूद रहे।
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