नई दिल्ली: जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने मंगलवार को महत्वपूर्ण घोषणा की है कि अगले वर्ष की शुरुआत से जीएसटी करदाता मूल फाइलिंग की नियत तिथि के तीन साल बाद मासिक और वार्षिक जीएसटी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाएंगे।
जीएसटीएन के अनुसार, यह नियम जीएसटी आउटवर्ड सप्लाई रिटर्न, देयता के भुगतान से संबंधित रिटर्न, वार्षिक रिटर्न और स्रोत पर कर संग्रह के लिए लागू होगा। तीन साल की अवधि समाप्त होने के बाद इन रिटर्न को समय-बाधित माना जाएगा। जीएसटीएन ने करदाताओं को सलाह दी है कि वे अपने रिकॉर्ड को समेट लें और जल्द से जल्द अपना जीएसटी रिटर्न दाखिल करें यदि वे अब तक ऐसा नहीं कर पाए हैं।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि यह नया नियम जीएसटी प्रणाली में अनुपालन को बेहतर बनाने और डेटा की विश्वसनीयता बढ़ाने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “विलंबित फाइलिंग की अवधि को सीमित करके, करदाताओं को अपने रिकॉर्ड को तुरंत समेटने और सुधारने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।”
इस परिवर्तन का प्रभाव अगले साल (2025) की शुरुआत से जीएसटी पोर्टल पर लागू होगा, जिससे करदाताओं को अपने वित्तीय दस्तावेजों को सहेजने और समय पर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होगी।