नई दिल्ली.देश के अधिकांश हिस्सों में अक्टूबर के पहले पखवाड़े में औसत तापमान सितंबर के औसत तापमान से भी 2 डिग्री तक ज्यादा है। हल्की सर्दी की शुरुआत की बजाय गर्मी महसूस होने से आईएमडी समेत दुनियाभर की मौसम एजेंसियों की भविष्यवाणियों पर सवाल खड़े हो गए हैं।
ला-नीना परिस्थितियां पैदा होने के अनुमान से कहा गया था कि इस साल कड़ाके की सर्दी पड़ेगी, लेकिन अब तक ला-नीना नहीं बन सका है। हालांकि भारतीय मौसम विभाग अब भी मान रहा है कि इस बार सर्दी में सामान्य से कम तापमान रहने के आसार हैं।
ला-नीना पर अमेरिकी एजेंसी एनओएए, ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी एबीएम से लेकर भारतीय मौसम एजेंसी आईएमडी ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि जून में ला-नीना विकसित होने की संभावना 85 फीसदी है। इसके बाद मानसून निकल गया, लेकिन ला-नीना नहीं बना। अब एजेंसियों का ताजा अनुमान है कि नवंबर के आखिर में ला-नीना बनने की संभावना 60% है।
ला-नीना या अल-नीनो इफेक्ट समुद्र के दो सिरों पर तापमान के बढ़ने या घटने से पैदा होता है। ला-नीना से भारत में अच्छी बारिश होती है अल-नीनो में इसका उल्टा होता है।