वॉशिंगटन (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद अब बात-बात में पीएम मोदी से वार्ता करने की इच्छा जाहिर करने और भारत-अमेरिका के रिश्तों में सुधार की पैरोकारी कर रहे डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक विरोधाभासी बयानों से फिर सबको हैरान कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच चल रही बातचीत जल्द किसी बेहतर नतीजे पर पहुंचेगी। ट्रम्प ने कहा कि वे सभी तरह के ट्रेड बैरियर खत्म करने के लिए आने वाले हफ्तों में प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे।
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के बीच ट्रेड बैरियर को दूर करने के लिए बातचीत जारी है। आने वाले हफ्तों में मैं अपने बहुत अच्छे दोस्त, पीएम मोदी से बात के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों महान देशों के लिए एक सफल नतीजे पर पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। ट्रम्प के इस पोस्ट के करीब 5 घंटे बाद पीएम मोदी ने भी एक एक्स पोस्ट में लिखा, भारत और अमेरिका अच्छे दोस्त और नेचुरल पार्टनर हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि हमारी ट्रेड नेगोशिएशन भारत-अमेरिका पार्टनरशिप के असीमित संभावनाओं को खोलने का रास्ता बना देगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए मेहनत कर रही हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प से बात करने का भी इंतजार कर रहा हूं। हम साथ मिलकर दोनों देशों के लोगों के लिए एक बेहतर और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेंगे।
भारत-अमेरिका संबंध बहुत ही खास
इससे पहले 6 सितंबर को डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में भारत-अमेरिका संबंधों को बहुत ही खास रिश्ता कहा था। उन्होंने कहा था कि वे और पीएम मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे। उन्होंने कहा था, मैं हमेशा तैयार हूं, मैं हमेशा पीएम मोदी का दोस्त रहूंगा। वह एक महान पीएम हैं। उनकी दोस्ती हमेशा रहेगी, लेकिन इस समय वह जो कर रहे हैं वो सब मुझे पसंद नहीं आ रहा है। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत ही खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। दोनों के बीच कभी-कभी कुछ पल ऐसे भी आते हैं।
भारत और चीन पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाएं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से कहा है कि वे अमेरिका के साथ मिलकर रूस के सबसे बड़े कच्चे तेल आयातक भारत और चीन पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाएं। उन्होंने कहाकि यह कदम मास्को पर युद्ध खत्म करने के लिए दबाव बढ़ाने की सामूहिक कोशिशों का हिस्सा है। ट्रंप ने यह मांग मंगलवार को वाशिंगटन में यूएस-ईयू वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में फोन के जरिए की, जहां रूस की युद्ध फंडिंग को रोकने के उपायों पर चर्चा हो रही थी। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, हम तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार हैं, लेकिन यह तभी होगा जब हमारे यूरोपीय साथी भी साथ आएंगे।
अमेरिका ने भारत को खो दिया
इससे पहले शुक्रवार, 5 सितंबर को एससीओ समिट में पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी प्रेसिडेंट जिनपिंग को एक साथ देखकर कहा था कि रूस और भारत अब चीन के पाले में जा चुके हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा था- ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।
मैं डोनाल्ड ट्रंप के विचारों की सराहना करता हूं : प्रधानमंत्री मोदी