नई दिल्ली। केरल की वायनाड लोकसभा से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेगी । कांग्रेस ने वायनाड लोकसभा उप चुनाव के लिए ने इसका औपचारिक ऐलान कर दिया है। प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में होंगी। प्रियंका गांधी भले ही कभी चुनाव नहीं लड़ीं, लेकिन वो राजनीति में काफी पहले से सक्रिय हैं। बता दे की वायनाड व रायबरेली सीट पर राहुल गांधी ने चुनाव जीता था। यूपी में पारिवारिक सीट रायबरेली को बरकरार रखने के लिए राहुल ने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था।
वर्ष 1999 से राजनीति में
प्रियंका गांधी ने 1999 में अपनी मां सोनिया गांधी के लिए चुनाव प्रचार करने उतरी थीं। इस दौरान उन्होंने पहली बार राजनीतिक मंच से बीजेपी उम्मीदवार अरुण नेहरू के खिलाफ प्रचार था। लेकिन इन 25 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ा हो। हालांकि उनके चुनाव लड़ने की कई बार चर्चा हुई। कांग्रेस समर्थक प्रियंका गांधी से यूपी में अपनी दादी और मां की विरासत को आगे बढ़ाने की आशा टिकाए हुए थे।
कांग्रेस के महत्वपूर्ण पदों पर
2017 में यूपी विधानसभा में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन और सीट बंटवारे में प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई। कांग्रेस ने यूपी चुनाव में 110 सीटों की मांग कर रही थी, जबकि अखिलेश यादव की पार्टी ने 100 सीटें देने की पेशकश की थी। जनवरी 2019 तक प्रियंका को पूर्वी यूपी में कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था, जहां कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद, सितंबर 2020 तक, उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया था। हालांकि दिसंबर 2023 में संगठनात्मक फेरबदल में उनसे उत्तर प्रदेश का प्रभार छीन लिया गया, लेकिन वो पार्टी की महासचिव बनी रहीं।
इसलिए वायनाड से चुनाव लड़ने आई
प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई हैं। कांग्रेस दक्षिण भारत खासतौर पर केरल में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है। पार्टी कर्नाटक और तेलंगाना में सत्ता में है और अपनी सहयोगी डीएमके के साथ तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज है। उत्तर भारत के विपरीत, जहां बीजेपी की पकड़ मजबूत है, वहीं कांग्रेस दक्षिण में जीत हासिल करने की कोशिश में है।