रायपुर।(AkhandBharatHNKP.Com) राज्यपाल एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्ष रमेन डेका ने छत्तीसगढ़ के सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय केवल डिग्रियां बांटने का केंद्र न बनें, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध हों। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालय गुणवत्ता के मापदंडों पर खरे नहीं उतरते, तो उन्हें बंद करने की कार्यवाही की जाएगी।

राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालय केवल डिग्री बांटने का केंद्र बनते जा रहे हैं। अगर गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे तो उनको बंद कर दिया जाएगा। प्रबंधन को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मापदंडों और नियमों का सख्ती से पालन करना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हर विश्वविद्यालय को अपनी नीतियों और कार्यशैली में राज्य की प्राथमिकताओं को केंद्र में रखना होगा। सभी पाठ्यक्रमों के लिए योग्य और स्थाई शिक्षक नियुक्त किए जाएं। ऐसा नहीं होने पर उस संस्थान को संबंधित पाठ्यक्रम को जारी रखने की इजाजत भी नहीं दी जाएगी। वहां छात्रों की संख्या के अनुसार पर्याप्त फैकल्टी होनी चाहिए। निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन डॉ. विजय कुमार गोयल ने विश्वविद्यालयों से जुड़ी चुनौतियों की चर्चा की। इस दौरान बैठक में राज्यपाल के सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना और उच्च शिक्षा आयुक्त संतोष देवांगन मौजूद रहे।विशाखा समिति को एक्टिव रखने के दिए निर्देश
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की शिकायतों का समाधान शीघ्रता से हो। उन्होंने विशाखा समिति को एक्टिव रखने और विद्यार्थियों में तनाव प्रबंधन पर भी विश्वविद्यालयों को सक्रिय भूमिका निभाने कहा है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में विद्यार्थियों को भी जागरूक किया जाए। शिक्षा व्यवस्था में आए परिवर्तनों और उससे मिलने वाले लाभों की जानकारी छात्रों तक पहुंचाई जानी चाहिए। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे स्टार्टअप और नवाचार स्थानीय जरूरतों के अनुसार विकसित करें। राज्य के आकांक्षी जिलों के गांवों को गोद लेकर वहां नवाचारों को लागू करने के निर्देश दिए।