प्रदेश में आज राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। 1 नवंबर को ही छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर छत्तीसगढ़ के 3 करोड़ जनता को अपनी बधाई भेजी है। सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट के जरिए छत्तीसगढ़ के लिए अपनी बातें लिखी हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को भी दीपावली की तरह मानने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी कलेक्टर को निर्देश दिया गया है कि सभी जिला मुख्यालय में बड़ी तादाद में दीये जलाए जाएं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी राज्य स्थापना दिवस पर अपना संदेश प्रदेश के लोगों को दिया।
CM साय क्या बोले
मुख्यमंत्री साय ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य निर्माण के 24 साल पूरे हो रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस परिकल्पना के साथ छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था, उन्हें साकार करने की दिशा में प्रदेश निरंतर अग्रसर है। बीते 24 वर्षों में से लगभग 16 वर्ष में हमारी सरकार रही ।
इन्हीं वर्षों में छत्तीसगढ़ में विकास के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप हुए और आदिवासियों, किसानों, मजदूरों और वंचित वर्ग के लोगों तक उनके अधिकार पहुंचे। CM ने आगे कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में ही प्रदेश की आर्थिक संरचना तैयार हुई। लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठा।
आज हमारी डबल इंजन की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रही है। नया रायपुर अटल नगर में 4 नवंबर से 6 नवंबर तक राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
अटल बिहारी वाजपेयी ने निभाया वो वादा, आप मुझे 11 सांसद दीजिए, मैं आपको छत्तीसगढ़ दूंगा
छत्तीसगढ़ बनने के पीछे अटल बिहारी वायपेयी को याद किया जाता है, क्योंकि उन्होंने एक वादा निभाया था। वह छत्तीसगढ़ के निर्माता थे, रायपुर के सप्रे स्कूल ग्राउंड में एक सभा में उन्होंने कहा था कि आप मुझे 11 सांसद दीजिए, मैं आपको छत्तीसगढ़ दूंगा।
इसके बाद केंद्र में अटल जी की सरकार बनी। इसके करीब एक साल बाद यानी 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्य सभा में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगी। 4 सितंबर 2000 को भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशन के बाद 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
दरअसल, 2 जनवरी 1995 को रायपुर में सर्वदलीय मंच की रैली हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के 7 सांसद, 23 विधायक और दो मंत्री शामिल हुए। पत्रकार चंदूलाल चंद्राकर के निधन के बाद मंच बिखर सा गया लेकिन तब तक राज्य की मांग राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्यता बन चुकी थी।
हालांकि आंदोलन में शिथिलता आ रही थी। तभी विद्याचरण शुक्ल इस आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने राज्य संघर्ष मोर्चा का गठन किया। उनके आंदोलन का असर दिल्ली तक होने लगा।
इन्हीं कारणों से चुनाव (98-99) के दौरान भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने रायपुर की सभा (सप्रेशाला मैदान) में जनता से वादा किया था ‘आप मुझे 11 सांसद दो मैं छत्तीसगढ़ दूंगा’। इसके बाद उनको राज्य से लोकसभा के लिए 10 सीटें मिलीं और अटल बिहारी वाजपेयी ने वादा पूरा किया।