नई दिल्ली (एजेंसी) (AkhandBharatHNKP.Com)। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के कार्यक्रम में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक अहम बयान दिया। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नहीं पता था कि यह जंग कितने दिनों तक चलेगी। उन्होंने कहा, जब रूस ने युद्ध शुरू किया था, तो हम सबको लगा था कि ये जंग सिर्फ 10 दिनों तक चलेगी। ईरान-इराक की जंग करीब 10 साल तक खिंची। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमें भी नहीं पता था कि ये कितने दिनों तक चलेगा। ज्यादातर लोग कह रहे थे कि ये 4 दिन के टेस्ट मैच की तरह इतनी जल्दी खत्म क्यों हो गया? जंग हमेशा अनिश्चित होती है।
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहा, हमें ये भी नहीं पता कि किसी चीज का दुश्मन पर क्या मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा। पहले संघर्ष के समय जहां 100 किमी की रेंज वाले हथियारों की जरूरत थी, आज वहां 300 किमी की रेंज वाले हथियार चाहिए। उन्होंने आगे कहा- हमारे विरोधियों की तकनीक आगे बढ़ रही है। हम विदेशी हथियारों पर हमेशा निर्भर नहीं रह सकते। अपनी क्षमता पर भरोसा और लगातार मजबूत होना ही हमें भविष्य के युद्धों के लिए तैयार कर सकता है। रूस-यूक्रेन जंग में ताकत का आकलन शायद गलत हुआ था। हमें समझना चाहिए कि दुश्मन के पास क्या तकनीक है, जो जंग को लंबा खींच सके। हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे पास लंबी जंग लडऩे के लिए काफी संसाधन हों। इन सब जंगों में हमने देखा है कि कम लागत वाली हाई टेक्नोलॉजी वाले हथियार, डेविड बनाम गोलियाथ जैसे बेमेल मुकाबले में भी बड़ा फायदा देते हैं। अगर आपके पास सस्ती लेकिन ताकतवर तकनीक हो, तो आप मजबूत दुश्मन को भी पीछे धकेल सकते हैं।
बखूबी काम करते रहे सैटेलाइट
इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने भी ऑपरेशन के दौरान स्पेस तकनीक की तारीफ की। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे सारे सैटेलाइट्स 24/7 बखूबी काम करते रहे और जरूरी सहायता देते रहे। इसरो के सैटेलाइट्स ने सेना को रीयल-टाइम इंटेलिजेंस और निगरानी में मदद की, जिससे हमले सटीक साबित हुए। बता दें कि ये बयान उस समय आए हैं जब भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को और मजबूत कर रहा है। जनरल द्विवेदी ने जोर देकर कहा कि भविष्य की जंगों में कम लागत वाली हाई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ही असली ताकत बनेगा।
सैनिकों की जिंदगी बेहतर करने पर दे रहे जोर
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आने वाले समय में नई तकनीक वाले हथियारों को सेना में शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा- भारत हथियारों के मामले में राइफल से लेजर हथियारों तक जाना चाहता है। हम ऐसे टैंक सेना में शामिल कर रहे हैं जो बिना किसी व्यक्ति के संचालित हो सकें। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा- सेना के लिए नए हेलिकॉप्टरों की खरीद पर भी बात चल रही है। मैं कुछ दिन पहले ही इस सिलसिले में विदेश गया था। हम सैनिकों की जिंदगी बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं।
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