Monday, August 4, 2025

चिरमिरी वासियों को पट्टा दिलाने तक संघर्ष  रहेगा जारी  – पूर्व महापौर डोमरू रेड्डी

कलेक्टर से की चर्चा , विशेष टास्क फोर्स गठन करने की मांग 

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चिरमिरी – एसईसीएल कोलफील्ड्स के चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के निवासियों को उनके पुराने घरों और दुकानों का मालिकाना हक दिलाने के लिए सतत प्रयासरत पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने एमसीबी जिले के कलेक्टर डी. राहुल वेंकट से मुलाकात की। अपने शहर के स्थायित्व के लिए बनाई गई लंबी और सुव्यवस्थित योजना के तहत उन्होंने अपने प्रयासों को जारी रखा है। इस दौरान उन्होंने राज्य शासन को एसईसीएल की निष्क्रिय भूमि को चिन्हित कर उसे शासन के अधीन वापस कराने के लिए सहमति दी और इस पर निर्देश जारी कराए। 
  • चिरमिरी
  • चिरमिरी का विहंगम दृश्य

अपने महापौर कार्यकाल से अब तक प्रत्येक कलेक्टर से मिलकर, निरंतर मांग करते रहे हैं।

 पट्टा दिलाने की अटकी हुई प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व महापौर लगातार सक्रिय 

चिरमिरी एसईसीएल की 10 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर वापसी के लिए कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया प्रस्ताव अभी भी लंबित है।

श्री रेड्डी ने  कलेक्टर से चर्चा के दौरान यह संज्ञान में लाया की  सरगुजा क्षेत्र और आदिवासी विकास प्राधिकरण की 3 जून 2019 की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एसईसीएल की अनुपयोगी भूमि को छत्तीसगढ़ शासन को वापस दिलाने का निर्देश दिया था। इसका विवरण आयुक्त कार्यालय (प्राधिकरण प्रकोष्ठ) के पत्र क्रमांक 1613/सविप्रा/2019-20 अंबिकापुर दिनांक 19 जून 2019 के तहत कलेक्टर कोरिया को भेजा गया था। इसके बावजूद आज तक कलेक्टर कोरिया कार्यालय से पालन प्रतिवेदन नहीं भेजा जा सका है। चिरमिरी एसईसीएल ने अपने लीज की 294 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर वापसी के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है, जो जिला स्तर पर अब भी लंबित है।
पूर्व महापौर श्री रेड्डी ने कलेक्टर राहुल वेंकट से आग्रह किया कि इस मामले को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन करें, क्योंकि यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि चिरमिरी और अन्य शहरों के अस्तित्व और पलायन का गंभीर मुद्दा है, जिसे समय रहते हल करना जरूरी है।

पट्टा दिलाने 2015 से प्रयासरत

श्री रेड्डी ने बताया कि चिरमिरी और अन्य क्षेत्रों में 70-80 वर्षों से रह रहे लोगों को पट्टा दिलाने के लिए उनके द्वारा 2015 से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।  जिले में अलग-अलग कलेक्टरों से समय-समय पर संपर्क कर इस मुद्दे को आगे बढ़ाने की कोशिश की गई है, लेकिन अधिकारियों के बार-बार स्थानांतरण के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। तत्कालीन महापौर रेड्डी की मांग पर, 9 अगस्त 2017 को चिरमिरी में संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें एसईसीएल के अधिकारी और मंत्रीगण उपस्थित थे ।

जिला स्तरीय समिति का हुआ था गठन

तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयुक्त सरगुजा संभाग का पत्र क्रमांक 3308/एसईसीएल/स.उ.क्षे.आ.वि.प्रा./2017 अंबिकापुर दिनांक 04.10.2017 और कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला कोरिया के पत्र क्रमांक 8303/खनिज एसईसीएल स.उ.क्षे.आ.वि.प्रा./2017 कोरिया, बैकुंठपुर दिनांक 04.10.2019 के संलग्न पत्रों से भी स्पष्ट है कि चिरमिरी में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कलेक्टर कोरिया की अध्यक्षता में आठ अधिकारियों की जिला स्तरीय समिति का गठन हुआ था। इस समिति ने शासन और एसईसीएल प्रबंधन को आगे की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन उसकी प्रगति की निगरानी न होने के कारण कार्यवाही ठप हो गई।

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